कौन हैं अकर्ता?
जब आप चलते हैं, तब कोई आपके भीतर हैं, जो चलता नहीं है। जब आप भोजन करते हैं, तब कोई आपके भीतर हैं, जो भोजन करता ही नहीं हैं। जब आप बोलते हैं, तब भी कोई आपके भीतर निरंतर अबोला हैं। जब आप जीते हैं तब भी आपके भीतर कोई जीवन के बिल्कुल पार खड़ा हैं। जब आप मारते हैं, तब भी कोई आपक भीतर नहीं मरता हैं। आपके सारे कर्मों के भीतर बिल्कुल ठहरा हुआ एक बिन्दु हैं। वहीं बिन्दु बीइंग, वही बिन्दु आत्मा हैं। उस बिन्दु की पहचान करना जरूरी हैं।